जिला अस्पताल में रोजा इफ्तार करते हुए कार्यक्रम की फोटो बायरल हुई है।रमजान के पवित्र महीने में अलग अलग कौम के लोग रोजा इफ्तार कार्यक्रम रखते है।और उसमे शरीक होकर सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करते है।पर आज जिस तरह से यह कार्यक्रम आज सागर के शासकीय जिला अस्पताल में रखा गया।वह सवाल जरूर छोड़ जाती है।
अस्पताल में रोजा इफ्तार फोटो जमकर बायरल हो रही है।इस फोटो में जिला अस्पताल के कुछ डॉक्टर भी रोजा इफ्तार करते दिखाई दे रहे है ।बुराई रोजा इफ्तार करने में नही है बुराई उस जगह में है जहाँ छोटी छोटी गलती से मरीजो की जान पर बन आती है।
इस खबर से किसी भी प्रकार से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत करना उद्देश्य नही है बल्कि हमारा मकसद सिर्फ इतना है कि अस्पताल जैसी sensational (संवेदनात्मक) जगह पर इस तरह से रोजा अफ्तार करना कहाँ तक उचित है।हमारा सवाल जिम्मेदारों से है कि अस्पताल एक ऐसी जगह जहाँ पर ज़्यादा लोगो को भीड़ लगाने की परमिशन नही रहती । क्योंकि यहाँ भर्ती मरीजो को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है, बावजूद इसके अस्पताल में इस तरह के आयोजन कही ना कही अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है।
अस्पताल में ही क्यों
हमारा कहना है कि यह आयोजन अस्पताल में ही क्यों किया गया।अस्पताल के बाहर इतनी जगह है वहाँ पर रोजा इफ्तार कार्यक्रम कर प्रेम सौहार्द बड़ा सकते थे ।
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