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सागर में दिव्य दरबार में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब।

सागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाया। बहेरिया स्थित बांके बिहारी नगर में कथा पंडाल में दोपहर 12 बजे से दिव्य दरबार शुरू हुआ। दरबार में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहुंचकर भक्तों की अर्जी लगाईं। लोगों ने कहा कि पर्चे का आधार श्री बागेश्वर धाम सरकार की महा कृपा है। परचा तो बहाना है, हमारा उद्देश्य तो सबको सांसारिक पीड़ा से निजात दिलाकर बागेश्वर सरकार का बनाना है। भक्त मुझसे नहीं भगवान बागेश्वर सरकार से जुड़ें। उन्होंने दिव्य दरबार में पहुंचे करीब ढाई लाख लोगों के बीच से अर्जी लगाकर लोगों को बुलाया। इस दौरान 25 से अधिक लोगों की अर्जी लगाई है। उन्हें उनकी समस्या का समाधान बताया गया। अर्जी के दौरान मंच पर पहुंचने वाले लोगों की समस्या का पर्चा पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पहले से लिखकर रखा हुआ था। जैसे ही वो मंच पर पहुंचे और अपनी समस्या बताई तो उन्होंने पर्चा खोलकर दिखाया और पढ़ाया। जिसमें भक्त ने जो बोला वही समस्याएं लिखी थीं।
अर्जी के दौरान सागर की दिल्ली से सागर पहुंची महिला, पारिवारिक बिंदुओं पर की बात
दरबार के दौरान दिल्ली से आई महिला की अर्जी लगी। महिला दिव्य दरबार में शामिल होने के लिए ही दिल्ली से सागर आई थी। अर्जी लगने पर उन्होंने अपनी पारिवारिक समस्याएं पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बताईं। इसके अलावा अन्य लोगों की अर्जियां लगी। जिसमें किसी ने पिता, बेटे तो किसी ने दामाद और परिवार के अन्य लोगों की समस्याओं को लेकर अर्जी लगाई। इसी दौरान झांसी से आए बालक की अर्जी लगी। उसने गुरुजी को अंगूठी पहनाई।
ढाई लाख से अधिक लोग पहुंचे
दिव्य दरबार में बुधवार को कथास्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। पंडाल छोटा पड़ गया। लोग पेड़ों और टैंकरों पर खड़े होकर दिव्य दरबार में शामिल हुए। हर तरफ लोग ही लोग दिखाई दे रहे थे। ऐसे में भी पंडाल के बाहर खड़े लोगों की अर्जी लगाकर पंडित शास्त्री ने नाम लेकर बुलाया। इस दौरान पारिवारिक, शारीरिक, भौतिक समस्याओं से लेकर रुहानी समस्याओं से परेशान लोग भी मंच पर बुलवाए गए। किसी को मंत्र दिया गया तो किसी को जप करने की सलाह दी गई। सभी से मुट्ठी बंद कर मंत्र उच्चारित करा समस्या मन में कहने और बागेश्वर धाम की दिशा में छोड़ने का निर्देश देते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब आपकी समस्या और प्रश्न बागेश्वर धाम सरकार की शरण में है, इसलिए आप निश्चिंत हो जाएं।

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