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किसान संघर्ष समिति द्वारा मेधा पाटकर, विजय, शंटू और धुरजी की बिना शर्त रिहाई को लेकर 21 मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। शिवसेना और विधि छात्र परिषद मध्यप्रदेश सहित अनेक संगठन सम्मलित हुए। सागर /21 अगस्त 2017 किसान संघर्ष समिति ने आज 21 अगस्त को प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसान संघर्ष समिति की जिला इकाइयों द्वारा नर्मदा बचाओ आंदोलन एवं जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर, विजय, शंटू और धुरजी भाई की बिना शर्त रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। और आज सागर में भी आज अधिवक्ता दीपक पौराणिक के संयोजन में ज्ञापन में नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं पर लादे गये सभी फर्जी मुकदमें वापस लेने, पुलिस दमन एवं फर्जी प्रकरण बनाने के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने एवं 40 हजार परिवारों का संपूर्ण पुनर्वास करने जैसे मुद्दों को लेकर यह ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से आंदोलनकारियों के साथ तुरंत बातचीत की मांग भी की जाएगी। अब तक धार जिले के थाना कुक्षी में 8 प्रकरण, बड़वानी में 12 प्रकरण हजारों कार्यकर्ताओं पर दर्ज किए गये हैं। धार एसडीएम न्यायालय में भी मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस प्रशासन, सरदार सरोवर के विस्थापितों पर झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर रही है ताकि आन्दोलन कमजोर पड़ जाए और सरकार अपनी मनमानी कर सके। सम्पूर्ण पुनर्वास तथा बिना मूलभूत सुविधाओं के अपने मूल गाँव खाली करने के लिए लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है। मुख्य कार्यकर्ताओं और प्रमुख लोगों को कानूनी मामलों में उलझाकर, जेल में बंद करके सरकार लोगों में भय पैदा कर उन्हें पुनर्वास स्थलों को तैयार किये बिना, गाँव छोड़ने को मजबूर करने पर आमादा है। लेकिन तानाशाही से डरने की बजाय और मजबूती के साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन और अधिक प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ रहा है। घाटी के नागरिकों में सरकार के प्रति आक्रोश और अपने अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ रही है, घाटी में “बिना पुनर्वास हटेंगे नहीं” नारे लगातार तेज होते जा रहे हैं। 7 अगस्त को चिखल्दा गाँव में पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण अनशन को बलप्रयोग द्वारा जबरन तोड़कर अनशनकारियों को गिरफ्तार करने से शुरू हुआ, भयानक आतंक फैलाने का सिलसिला अभी भी जारी है। विजय, शंटू, धुरजी भाई को गिरफ्तारी के 11 वें दिन तथा मेधा पाटकर को 13 वें दिन भी रिहा नहीं किया गया है। 307 (हत्या की कोशिश का मामला) तथा 365 (अपहरण) जैसे गंभीर आरोपों में शांतिपूर्ण आन्दोलन के कार्यकर्ताओं को फंसाकर सरकार जबरन गाँव खाली कराने की पूरी तैयारी में है लेकिन वहीँ विस्थापित भी पूरी ताकत के साथ अपनी सम्पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर डटे हैं। कल नर्मदा बचाओ आन्दोलन के 80 कार्यकर्ताओं को बिना किसी शर्त कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया, जिन पर पुलिस द्वारा झूठे आरोप लगाए गए थे; परन्तु अभी भी हजारों अज्ञात लोगों पर मुकदमे लगाए गए हैं। बिना किसी अपराध के लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, अहिंसक नागरिकों पर हिंसक कार्यवाही की जा रही है, व हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं जिससे आन्दोलन को समाप्त किया जा सके, लोगों की आवाजों को दबाया जा सके और हर उस संघर्ष को खत्म किया जा सके जो सरकार के भ्रष्टाचार, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण नीतियों को उजागर करता है। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने ऐलान किया है कि पुलिस प्रशासन जितने कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे लगाकर गिरफ्तार करेगी, हम उससे अधिक संख्या में गिरफ्तारी देंगे। हमारी ताई मेधा पाटकर एवं अन्य साथियों की गिरफ्तारी तथा 40 हजार परिवारों के संपूर्ण पुनर्वास को लेकर देश और दुनिया में रोज विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अब तक पंद्रह सौ से अधिक विरोध कार्यक्रम देश में तथा दुनिया के 42 देशों में किये जा चुके हैं। **एड दीपक पौराणिक प्रवक्ता किसान संघर्ष समिति, प्रदेशाध्यक्ष विधि छात्र परिषद मध्यप्रदेश**

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